Table of Contents
- क्वांटम कंप्यूटर क्या है
- क्वांटम कंम्प्यूटर क्या है (Complete Description)
- क्वांटम कंम्प्यूटर (Quantum Computer) कैसे काम करते हैं ?
- क्वांटम कम्प्यूटर (Quantum Computer) की उपयोगिता
- क्वांटम (Quantum) तकनीक में दुनिया व अग्रणी देश
- भारत और क्वांटम तकनीक ( Quantum Technique )
- क्वांटम कम्प्यूटर (Quantum Computer ) भविष्य की तकनीक व ब्लाकचेन आधारित क्रिप्टोकैरन्सी को खतरा
- क्वाटम कंम्प्यूटर से जीवन व ब्रहमांड के रहस्यों की खोज
- दुनिया भर की सरकारों ने 2021-2025 के लिए क्वांटम कंप्यूटिंग में निवेश
क्वांटम कंप्यूटर क्या है
इसकी जानकारी देने से पहले हम आपको सामान्य कंप्यूटर के बारे में संक्षेप में वर्णन करते हैं
कंम्प्यूटर (Computer ) या अलादीन का चिरागजी हाँ , प्राचीन कहानियों में , ऐसे चिराग के बारे पढते थे , जिसको घिसने से , उसमें से एक *जिन्न* निकलकर , अलादीन के सभी आदेशों का पालन , पलक झपकते ही कर देता था । आज के युग , में मनुष्य को ऐसा *जिन्न* मिल चुका है , जो पलक झपकते ही , उसकी आज्ञा का पालन कर देता है इस जिन्न का नाम * कम्प्यूटर* है । जो आज के समय में असम्भव से असम्भव कार्यो को चुटकियों में कर देता है ।
सचमुच कंम्प्यूटर एक ऐसा उपकरण है । जो हमारे दिए गए आदेशों का पालन मिनटों में करता है । इसे हिन्दी में *अभिकलित्र*( संगणक ) कहते है । कंम्प्यूटर अंग्रेजी शब्द *कंम्प्यूट* (Compute ) से निकला है , जिसका अर्थ है गणना करना । कंम्प्यूटर हमारे द्वारा दिए गए निर्देशों को , उपलब्ध आकङो ( डेटा) के आधार करके गणना करके उसका परिणाम प्रस्तुत करता है । वास्तव में सामान्य कंम्प्यूटर द्विआधारी भाषा अर्थात बायनरी (Binary) कोड के रूप में हमारा निर्देश स्वीकार करता है और आंकड़ों अर्थात डेटा की गणना करने के पश्चात परिणाम को कम्प्यूटर के परदे ( Screen ) पर दिखाता है ।
बायनरी भाषा की इकाई को बिट्स (Bits) कहा जाता है यह शून्य (0) और एक (1) के रूप में होती है । कंम्प्यूटर मशीन इसे विद्युत की उपस्थिति और अनुपस्थिति के रूप में लेती है अर्थात एक (1 ) का अर्थ विद्युत की उपस्थिति और शून्य ( 0 ) का अर्थ है विद्युत की अनुपस्थिति । जैसे विद्युत बल्ब या तो * ऑन * (On) होता है या *ऑफ* (Off) होता है । इसी प्रकार से कंम्प्यूटर हर निर्देश या तो शून्य ( 0 ) के रूप में स्वीकार करता है या एक (1) के रूप में स्वीकार करता है । इसे बिट्स ( Bits ) कहते हैं । इसी प्रकार की आठ ( 8 ) बिट्स का एक बाइट (Byte) होता है । एक किलोबाइट ( KB ) में 1024 बाइट होते हैं । एक मेगाबाइट (MB) में 1024 किलोबाइट( KB ) होते हैं । एक गीगा बाइट (GB) में 1024 मेगाबाइट (MB )होते हैं और एक टेराबाइट (TB) में 1024 गीगाबाइट (GB) होते हैं ।
कंम्प्यूटर सभी प्रकार की सूचनाओं और आंकड़ों को शून्य (0) और एक (1) में परिवर्तित करके तथा इन्हीं के रूप में अपने अंदर रखता है और उनकी तार्किक द्वारों (Logic Gate:- OR-AND-NOT) के आधारों पर , अपनी मशीनी भाषा में , गणना करके उसका परिणाम , हमारी भाषा में प्रस्तुत करता है । जो हमें कंम्प्यूटर के परदे ( Screen ) पर दिखाई देता है इस प्रकार से कंम्प्यूटर हमें परिणाम या दी गयी समस्या का हल , हमें हमारी भाषा ( Human Language ) में , बताता है । कंम्प्यूटर की स्टोरेज क्षमता जितनी अधिक जीबी (GB) की होगी , कंम्प्यूटर उतना अधिक शक्तिशाली होगा अर्थात जितना अधिक जीबी (GB) का होगा , उतना अधिक सूचनाओं और आंकड़ों को शून्य ( 0) और एक ( 1 ) के रूप में अपने अंदर रखने की क्षमता होगी ।
उसकी गति व कार्य क्षमता अर्थात गणना करने की शक्ति उतनी ही अधिक होती है । किसी भी कंम्प्यूटर में सबसे महत्वपूर्ण भाग उसका प्रोसेसर ( Processor ) होता है । हमें देखना होता है वह कितने GHZ और कितने बिट्स (Bits) का है यदि हम 4 जीबी (GB) की रैम (RAM) का फोन लेते हैं , वो 64 Bits के वास्तुशिल्प (Architecture) के साथ आता है इसका अर्थ है वह फोन एक सेकंड में 64 बिट्स (bits) की गणना कर सकता है और आपके आदेशों को मानकर पलक झपकते ही उसका परिणाम दिखा देता है । कम्प्यूटर किसी भी समस्या को , शून्य (0 ) और एक (1) के रूप में लेता है । इन बाईनरी डिजिट का प्रयोग मशीनी भाषा में कंम्प्यूटर का प्रोग्राम लिखने के लिए किया जाता है । क्योंकि कंम्प्यूटर इन्हीं बायनरी डिजिट को समझता है । वह उसी के अनुसार कार्य को पूरा करता है ।
कंम्प्यूटर के सर्किट में ट्रांजिस्टर लगे होते हैं जो इन बायनरी डिजिट अर्थात बिट्स को पहचान लेते हैं उसे विद्युत संकेतों (Electric Signal ) में , परिवर्तित करके डेटा को कंम्प्यूटर के अंदर भेज देते हैं । जब कोई भी सॉफ्टवेयर , जो कंम्प्यूटर में चलाने के लिए तैयार किया जाता है उसे लोड (Load) करने के बाद , प्रोसेसर (Processor) उसे मशीनी भाषा में बदल देता है । जिसे कंम्प्यूटर उस प्रोग्राम को समझकर कार्य पूरा करता है ।
लेकिन क्वांटम कंम्प्यूटर में बिट्स( Bits) की जगह क्यूबिट्स (Qubits ) का इस्तेमाल होता है लेकिन क्यूबिट्स (Qubits) की वैल्यू एक ही बार में शून्य 0 और एक 1 से भी ज्यादा हो सकती है । क्योंकि एक ही बार में क्यूबिट्स की वैल्यू या तो शून्य 0 होगी या 1 एक होगी या (0 और 1) एक साथ होंगी ।
इसका अर्थ यह है कि Qubits में एक ही बार में 4 वैल्यू रख सकता है । इसकी यही विशेषता इसे सामान्य कंम्प्यूटर से अलग व विशेष बनाती है इसके साथ-साथ इसकी क्षमता और गति भी दूसरे कंम्प्यूटर की तुलना में बहुत ही अधिक होती है । जिससे यह दुनिया की जटिल से जटिल गणना को भी बहुत आसानी से और शीघ्र कर लेता है।
वैज्ञानिकों द्वारा ऐसा कहा जाता है कि 40 क्यूबिट्स (Qubits) वाले , आज के क्वांटम कंम्प्यूटर की गति आज के सुपर कंम्प्यूटरों से भी कहीं बहुत ज्यादा है । क्वांटम कंम्प्यूटर में क्वांटम फिजिक्स के नियमों का उपयोग किया जाता है इसलिए क्वांटम कंम्प्यूटर आज के सुपर कंम्प्यूटर से भी कहीं ज्यादा तेजी से गणना कर सकता है क्वांटम कंम्प्यूटर में गणना के लिए जिन क्यूबिट्स (Qubits) इस्तेमाल किया जाता है उनमें बहुत ही ज्यादा ऊर्जा मौजूद होती है , इसलिए उन से काम लेने के लिए उन्हें बहुत ठंडा अर्थात शून्य से भी बहुत ज्यादा नीचे ( – 273 ) के तापमान पर रखा जाता है जो अंतरिक्ष ( Space) क भी होती है । तभी क्वांटम कंम्प्यूटर कुशलतापूर्वक काम कर सकता है ।
इसमें सबसे बङी समस्या यह है अभी क्यूबिट्स ( Qubits ) का निर्माण बहुत ही कम मात्रा हो रहा है ।
क्वांटम कंम्प्यूटर क्या है (Complete Description)
हाल ही में गूगल ने दावा किया है उसने 72 क्यूबिट्स (Qubits) का क्वांटम कंप्यूटर बना दिया है । गूगल का कहना है सामान्य SUPER कंप्यूटर जिस गणना को करने के लिए हजारों साल लेता है , उसको क्वांटम कंम्प्यूटर कुछ ही मिनटों में कर देगा । क्वांटम कंम्प्यूटर कोई पहली बार नहीं बनाया गया । इससे पहले भी आईबीएम (IBM) ने 50 क्यूबिट्स का क्वांटम कंम्प्यूटर बनाया था । सबसे पहले हम यह समझते हैं कि यह क्वांटम क्या होता है ? क्वांटम होता है प्रकाश (radiating energy )( Light) का सबसे छोटा भाग , जिससे और अधिक छोटा नहीं किया जा सकता ।

ऐसे ही हम जल या पानी को लेते हैं उसका हम छोटे से छोटा भाग करते जाएंगे , तो अंत में हमें क्या मिलेगा , अंत में हमें हाइड्रोजन के दो परमाणु और ऑक्सीजन का एक परमाणु मिलेगा इन तीनों के मिलने से ही पानी का एक अणु बनता है । अगर इससे भी छोटा करेंगे । तो वह पानी ही नहीं रह जाएगा । फिर इससे और भी छोटा करेंगे तो वह हाइड्रोजन (Hydrogen) और ऑक्सीजन (Oxygen) के परमाणुओं में बदल जाएगा ।
अगर इन परमाणु (Atom) को और छोटा करेंगे । तो हमारे को क्या मिलेगा तो हमें मिलेगा इलेक्ट्रॉन (Electron) और नाभिक (Neuclus) प्रोटॉन(Proton)न्यूट्रॉन (Neutron) और अंत में एक क्वार्क (Quark) जो कण (Particle) व तरंग (wave) होता है । जहां पदार्थ (Matter) ही ऊर्जा (Energy ) रूप में होता है।
परमाणु की इस सबसे छोटी श्रेणी को ही क्वांटम क्षेत्र कहा जाता है और ब्रह्मांड के सबसे छोटे कण को क्वार्क कहा जाता है प्रकृति के इस सबसे सूक्ष्म रूप के सिद्धांत व नियम को ही क्वांटम (Quantum physics )के नियम कहा जाता है और इसके विज्ञान को क्वांटम भौतिकी कहा जाता है ।
यहां आप अच्छी तरह समझ ले । इसके नियम भौतिक विज्ञान के सामान्य नियमों से बिल्कुल अलग होते हैं । इन नियमों के आधार पर बनाए कंप्यूटर को ही क्वांटम कंप्यूटर कहा जाता है यह सामान्य कंप्यूटर से बिल्कुल अलग तरह के होते हैं । यह कंप्यूटर जिन नियमों पर काम करते हैं वह बिल्कुल ही अलग तरह के होते हैं ।
क्वांटम कंम्प्यूटर (Quantum Computer) कैसे काम करते हैं ?

आगे देखें और समझे क्वांटम कंप्यूटर किस तरीके से काम करते हैं आइए आपके सामने मैं फिर से दोहरा दूं क्वांटम वह कण होते हैं जिससे छोटा कोई भी कण नहीं हो सकता ।
मैं आपको इलेक्ट्रॉन के बारे में बताता हूं इलेक्ट्रॉन की दो विशेषताएं होती है यह यह तरंगों के रूप में भी होते हैं और कणों के रूप में भी होते हैं । इसकी हैरान कर देने वाली बात यह है कि इनकी गति और स्थिति एक साथ नहीं निकाली जा सकती यह लगभग असंभव है। यहां भौतिकी के सामान्य नियम काम नहीं करते जैसे हम इलेक्ट्रॉन की बात करते हैं तो उसकी स्थिति को कभी भी हम नहीं बता सकते वह हमेशा ही यहां से वहां तक होगा अर्थात किसी भी बीच की स्थिति में हो सकता है । इलेक्ट्रॉन हमेशा 2 अवस्थाओं की स्थिति में होगा ,इसे हम क्वांटम फिजिक्स की भाषा में सुपर पोजीशन कहते हैं
वह ऊपर की अवस्था या नीचे व्यवस्था कहीं भी हो सकता है अगर उसे नापा जाए तो कुछ ऊपर या कुछ नीचे हो सकता है । इसकी एक दूसरी विशेषता है एक इलेक्ट्रॉन दूसरे इलेक्ट्रॉन को सदा प्रभावित करता है और इस विशेषता को इनटैगटलमेंट (Entanglement) कहते हैं क्वांटम कंम्प्यूटर इन्हीं दो विशेषताओं पर आधारित है जिनमें से एक है सुपरपोजिशन (Supreposition) और दूसरा दूसरी है इनटैगलमैंट ।
क्वांटम कंम्प्यूटर और सामान्य कंप्यूटर किस आधार पर काम करते हैं किस तरह से काम करते जैसा कि हम जानते सामान्य कंम्प्यूटर शून्य (0) व एक (1) की बायनरी भाषा में काम करते हैं जिसे हम बिट्स कहते हैं इसी प्रकार से हम क्वांटम कंप्यूटर में जिस पर काम करते हैं उसे क्यूबिट्स (Qubits) कहते हैं ।अभी हम इलेक्ट्रॉन (Electron) बात कर रहे थे उसकी एक पोजीशन ऊपर होती है एक पोजीशन नीचे होती है इस अवस्था को हम क्यूबिट्स कहते हैं ।
अगर सामान्य कंप्यूटर में हम देखेंगे तो एक समय में उसकी एक ही अवस्था हो सकती है या तो एक होगी या शून्य होगी । दोनों एक साथ नहीं हो सकती लेकिन क्वांटम कंम्प्यूटर में एक साथ दो अवस्थाएं हो सकती शून्य (0)भी एक (1) भी और वह हमारे देखने ध्यान देने और नापने पर निश्चित हो सकती है । जिस प्रकार से सामान्य कंप्यूटर में तर्क द्वार (Logic Gate) गेट होते हैं अगर या यदि और परंतु किंतु । उसी प्रकार से क्वांटम कंप्यूटर में भी ऐसे ही गेट होते हैं जिसे हम क्यूबिट्स गेट्स बोलते हैं ।जब वह सारे इलेक्ट्रॉन एक दूसरे पर प्रभाव डालते हैं उसे ऐलानमेंट कहते हैं उसी से ही क्वांटम कंम्प्यूटर में गणनाएँ होती है । यह क्वांटम कंम्प्यूटर की क्षमता सुपर कंम्प्यूटर से भी ज्यादा होती है इसलिए क्वांटम कंम्प्यूटर भविष्य का कंम्प्यूटर है ।
क्वांटम कम्प्यूटर (Quantum Computer) की उपयोगिता
कंप्यूटिंग के अलावा सुरक्षा , संचार , शोध कार्य , आपदा प्रबंधन , ओषधि , चिकित्सीय कार्य , अंतरिक्ष और ब्रम्हांड के रहस्यों की खोज , रक्षा क्षेत्र में , औद्योगिक क्षेत्र और इसके साथ-साथ गुरुत्वाकर्षण ब्लैक होल इत्यादि से जुड़े उनके के कुछ मूलभूत सवालों को हल करने में इसका प्रयोग हो सकता है । क्वांटम तकनीक की कैंसर , अल्जाइमर और हृदय रोगों से निपटने की तकनीक विकसित करने के लिए भी उपयोग हो सकता है । सुनामी , सूखा , बाढ़ जैसी आपदा की भविष्यवाणी करने में सक्षम हो सकता है । क्वांटम कंप्यूटर की उपयोगिता स्वास्थ्य , राकेट विज्ञान , कृत्रिम बुद्धिमता ( AI ) वैज्ञानिक अनुसंधान ,साइबर सुरक्षा , ड्रोन तकनीक में भी बहुत महत्वपूर्ण हो सकता है ।
क्वांटम (Quantum) तकनीक में दुनिया व अग्रणी देश
क्वांटम कंम्प्यूटर का क्या-क्या उपयोग हो सकता है । इसे देखते हुए बहुत सारी दुनिया की मशहूर कंपनियां इसमें शोध कर रही है । गूगल ,माइक्रोसॉफ्ट ,आईबीएम , इंटेल , माक्रोप्रसेसर और अमेजन जैसी दुनिया की नामी कंपनियां इसमें शोध कर रही है । यहां यह बताना भी बहुत ही आवश्यक है कि गूगल ने क्वांटम सुप्रीमेसी ( Quantum Supremacy ) नामक सफलता प्राप्त करी थी ।
क्वांटम सुप्रीमेसी (Quantum Supremacy ) शब्द का सबसे पहले प्रयोग कैलिफोर्निया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के प्रोफेसर जॉन प्रेस्किल ने किया था जिन्होंने बताया था क्वांटम कंम्प्यूटर किसी गणना को इतनी तेज कर सकते हैं जिसे सुपरकंम्प्यूटर भी नहीं कर सकते । गूगल ने साईंकामोर प्रोसेसर (Cycamore Quantum Processor) की मदद से एक गणना को 200 सेकंड में कर दिखाया । जिसको करने में सुपर कंप्यूटर को भी 10,000 साल का समय लगता ।
इसलिए इसके महत्व को देखते हुए अर्थात क्वांटम तकनीक के महत्व को देखते हुए अमेरिकी सरकार ने सन 2018 में इसके लिए *नेशनल कंवाटम इनीशिएटिव* कानून बनाया और इसके लिए एक अरब बीस करोङ डालर ($ ) का प्रावधान किया और चीन की सरकार ने 2016 में अपनी 13वीं पंचवर्षीय योजना में क्वांटम कम्युनिकेशन को महत्वपूर्ण उद्योगों में स्थान दिया है । ब्रिटेन ने 2013 में इसके लिए राष्ट्रीय रणनीति बनाई और कनाडा ने इसके लिए 2016 में 5 करोड कनाडाई डॉलर निवेश करने की घोषणा की इसके साथ साथ जर्मनी फ्रांस दक्षिण कोरिया और रूस ,जापान जैसे देश , भारी निवेश कर रहे हैं ।
इस समय चीन और अमेरिका क्वांटम टेक्निक के मामले में दुनिया में सबसे आगे है । दुनिया भर में क्वांटम तकनीक के क्षेत्र में कुशल लोगों की संख्या बहुत है एक अनुमान के अनुसार इसके महत्व की तुलना में इसमें शौध करने वालों की संख्या एक हजार ( 1000 ) से भी कम है ।
भारत और क्वांटम तकनीक ( Quantum Technique )
यहाॅ भारत में भी , हाल ही में , भारत सरकार ने भी अपने केंद्रीय बजट 2020-21 में *नेशनल मिशन आन क्वांटम टैक्नोलॉजी एंड एप्लीकेशन* ( National Mission on Quantum Technologies & Applications) (NMQTA) के अंतर्गत क्वांटम तकनीक (Quantum technique) के लिए 2020-21 के बजट में 5 साल की अवधि के लिए आठ हजार करोङ रुपए ( Rs.8000 Crore ) के खर्च की घोषणा की थी।
भारत सरकार की *नेशनल सुपर कंप्यूटर मिशन* की तकनीकी समिति (NSM -TAC ) ने आईआईटी गुवाहाटी (IIT-GUWHATI) को सुपर कंप्यूटर की (Supercomputing facility) की स्थापना को मंजूरी दी है । जिसके अंतर्गत आईआईटी गुवाहाटी ( IIT-GUWHATI ) सुपर कंप्यूटर की 650 टेराफलाप (TF) क्षमता की स्थापना की सुविधा दी जाएगी ।
वर्तमान समय में भारत – Quantum Information Science and technology ( QUST ) पर काम कर रहा है । दूसरी ओर *टाटा मूलभूत अनुसंधान संस्थान (TIFR)* में भारत का पहला *सुपरकन्डकटिंग क्वांटम कम्प्यूटिंग लैब* स्थापित है ।
क्वांटम कम्प्यूटर (Quantum Computer ) भविष्य की तकनीक व ब्लाकचेन आधारित क्रिप्टोकैरन्सी को खतरा
क्वांटम कम्प्यूटर से 2009 में सातोषी नाकामोटो द्वारा ब्लोकचेन के उपयोग से बनाए गए , डिजिटल वालेट ( Digital Wallet ) में जमा बिटक्वान (Bitcoin) को भी जोखिम हो सकता है । अतः हमें यह भीध्यान देना जरूरी है कि इससे क्रिप्टोकैरेन्सी को खतरा ना हो ।
क्वाटम कंम्प्यूटर से जीवन व ब्रहमांड के रहस्यों की खोज
क्वांटम कम्प्यूटर की मदद जीवन व ब्रह्मांड के अनसुलझे रहस्यों को भविष्य मे सरलता से सुलझाया जा सकेगा । भविष्य मे यूएफओ (UFO) के साथ साथ ही , समय (Time ) जैसे सबसे ज्यादा अदभुत रहस्यों से परदा भी उठ सकता है । इसकी मदद से सभी प्राचीन अर्थात लाखों करोडों साल पुराने रहस्यों को सुलझाया जा सकता है । तथा धार्मिक ग्रंथों में वर्णित सिद्धान्तो व घटनाओं की सच्चाई और तथ्यों का पता लगाने में भी सफलता मिल सकती है
दुनिया भर की सरकारों ने 2021-2025 के लिए क्वांटम कंप्यूटिंग में निवेश
दुनिया भर की सरकारों ने 2021-2025 के लिए क्वांटम कंप्यूटिंग में निवेश के लिए मिलियन डॉलर का बजट आवंटित करना शुरू कर दिया है। आइए जानते हैं कौन सा देश क्वांटम कंप्यूटिंग में टॉप पर रहने के लिए आगे बढ़ रहा है।
CHINA: चीन सरकार ने 2030 तक महत्वपूर्ण क्वांटम खोज करने के लक्ष्य के साथ एक बहु-अरब डॉलर की क्वांटम कंप्यूटिंग मेगा-प्रोजेक्ट के वित्तपोषण की घोषणा की। इसने क्वांटम सूचना विज्ञान के लिए एक चीनी राष्ट्रीय प्रयोगशाला की स्थापना के लिए अरबों डॉलर का भी वादा किया।
संयुक्त राज्य अमेरिका: अमेरिकी सरकार ने दिसंबर 2018 में कानून में एचआर 6227, राष्ट्रीय क्वांटम पहल अधिनियम पर हस्ताक्षर किए। (एनक्यूआई)। कानून क्वांटम सूचना अनुसंधान में 1.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर के पांच साल के निवेश की अनुमति देता है
फ्रांस: फ्रांस सरकार ने क्वांटम प्रौद्योगिकियों, विशेष रूप से क्वांटम कंप्यूटरों में अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए पांच साल की €1.8 बिलियन की रणनीति की घोषणा की है, जिससे इस क्षेत्र में सार्वजनिक वित्त पोषण €60 मिलियन से €200 मिलियन प्रति वर्ष हो रहा है, जिससे फ्रांस चीन के पीछे तीसरे स्थान पर आ गया है।
जापान: अप्रैल 2020 से शुरू होने वाले वित्तीय वर्ष के लिए, जापान की सरकार ने क्वांटम अनुसंधान के लिए लगभग 30 बिलियन येन (276 मिलियन अमेरिकी डॉलर) आवंटित किया, जो पिछले वर्ष के प्रस्ताव को दोगुना कर देता है। यह तकनीक सरकार द्वारा वित्त पोषित “मूनशॉट” आरएंडडी पहल का फोकस भी होगी, जिसकी कुल कीमत 100 बिलियन येन है।
दक्षिण कोरिया: दक्षिण कोरिया में नए क्वांटम कंप्यूटिंग अनुसंधान में कोर क्वांटम कंप्यूटिंग प्रौद्योगिकियों को बनाने और अनुसंधान आधार का विस्तार करने के लिए KRW 44.5 बिलियन (US$39.7 मिलियन) का पांच साल का निवेश शामिल होगा। KRW 13.4 बिलियन (US$11.9 मिलियन) का निवेश अगली पीढ़ी की ICT तकनीकों में किया गया है, जैसे अल्ट्रा-हाई-परफॉर्मेंस कंप्यूटिंग, नॉलेज डेटा कन्वर्जेंस, सिस्टम सॉफ्टवेयर, सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग, सूचना और इंटेलिजेंस सिस्टम, और मानव-कंप्यूटर इंटरैक्शन (HCI) . 2023 तक, सरकार को उम्मीद है कि आवश्यक क्वांटम कंप्यूटिंग प्रौद्योगिकियों के विकास के लिए 90% से अधिक निर्भरता के साथ यथार्थवादी पांच-क्विट क्वांटम कंप्यूटर सिस्टम का प्रदर्शन पूरा हो जाएगा।
भारत: भारत सरकार ने रु। 2020 के वित्तीय बजट में क्वांटम कंप्यूटिंग के लिए 8000 करोड़ रुपये।
जर्मनी: अगले चार वर्षों में, जर्मनी सरकार अपने पहले क्वांटम कंप्यूटर और संबंधित प्रौद्योगिकी के विकास में सहायता के लिए लगभग 2 बिलियन यूरो (2.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर) खर्च करेगी। जर्मनी का विज्ञान मंत्रालय क्वांटम कंप्यूटिंग अनुसंधान और विकास के लिए 2025 तक 1.1 बिलियन यूरो खर्च करेगा, जो क्वांटम भौतिकी का उपयोग प्रसंस्करण में एक छलांग प्रदान करने के लिए करता है।