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ब्लॉक चेन ( BLOCKCHAN) क्या है ?
ब्लाकचेन एक विकेन्दीकृत (डिसेन्ट्रलाईज ) डेटाबेस टेक्निक है । इसकी तुलना हम लेनदेन के बही खाते से कर सकते हैं ,जैसे हम बही खाते ( leger) में लेनदेन का सारा रिकॉर्ड रखते हैं । इसका निर्माण बिटकॉइन (Bitcoin) जैसी आभासी मुद्रा के लेनदेन को सुरक्षित रखने के लिए हुआ है , ताकि कोई भी शातिर या बदमाश अपने सिस्टम या कंप्यूटर के द्वारा इसमें कोई भी गड़बड़ ना कर सके । ब्लॉकचेन तकनीक की मदद से इसमें लेन-देन में गड़बड़ करना लगभग असंभव है ।
इसे ब्लॉकचेन किसलिए कहा जाता है ?
क्योंकि ब्लॉकचेन सूचनाओं को ग्रुप्स के रूप में इकट्ठा करता है और इन ग्रुप्स को ब्लॉक कहते हैं । हर एक ब्लॉक में सूचनाओं को रखने की क्षमता सीमित होती है इसलिए जब एक ब्लॉक भर जाता है तो वह पहले से भरे हुए ब्लॉक से जुड़ जाता है ऐसे ही डाटा की एक जंजीर सी बन जाती है , इसलिए इसे ब्लॉकचेन कहा जाता है ।

ब्लॉकचेन अस्तित्व में कैसे आया ?
टेक्नोलॉजी सबसे पहले 1991 में स्टुअर्ट हैबर और स्कोट स्टोरनेटा (Stuart Haber और W.Scott Stornetta ) नामक दो लोग मिलकर लाए थे और जन्म एक प्रकार से 1999 में हुआ था । लेकिन इसका वास्तविक उपयोग सन 2009 में जापान के सतोशी नाकामोतो ने बिटकॉइन (Bitcoin) के निर्माण के लिए किया था तभी से ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी की अनेकों संभावनाएं खोजी जा रही थी और तब से ही क्रिप्टोकरंसी का गुबार (boom) संसार में आया था। यह डेटाबेस टेक्नोलॉजी कैसे काम करती है आइए इसे समझते हैं ब्लॉकचेन दो शब्दों से बना है ब्लॉक और चेन वास्तव में ब्लॉकचेन एक प्रकार का इलेक्ट्रॉनिक डेटाबेस है। जो *टेबल* के रूप में रहता है । जो कंप्यूटरों के ग्रुप पर सुरक्षित रहता है।
ब्लॉकचेन काम कैसे करती है ?(Blockchain Kam Kasie karti Hai)
यह ब्लॉकचेन एक ऐसी ब्लॉक की चेन है जिसमें सूचनाएं भरी होती है यह सारी सूचनाएं क्रिप्टोग्राफी के द्वारा इनकोडिड होती है । हर ब्लॉक में पिछले ब्लॉक का क्रिप्टोग्राफिक *हैश*(Hash) होता है । जो हर लेन-देन अर्थात ट्रांजैक्शन पर उत्पन्न होता है । यह है संख्याओं और अक्षरों से बना होता है , जो आने वाले *इनपुट*(input ) को निश्चित लंबाई के* एनक्रिप्टेड आउटपुट *(output) में बदल देता है । यह केवल लेन-देन अर्थात ट्रांजैक्शन पर ही निर्भर नहीं करता बल्कि उससे पहले बने हुए हैं लेनदेन के हैश पर भी निर्भर करता है । अगर लेनदेन में कोई छोटा सा भी बदलाव आता है तो उससे एक नया हैश बन जाता है । अर्थात अगर ब्लॉकचेन डाटा के साथ कोई भी छेड़छाड़ की जाती है उससे सारी सेटिंग बदल जाती है । इस प्रकार से रिकॉर्ड में गड़बड़ का पता लगाया जा सकता है इसलिए यह है एक सुरक्षित विकल्प है । यह ब्लॉकचेन बहुत से कंप्यूटर पर फैली होती है और हर कंप्यूटर पर ब्लॉक चेंन की एक कॉपी होती है । इन कंप्यूटरों को नोडस (Node) बोलते हैं । यह नोडस इसको चेक करके पता लगाते हैं कि कोई बदलाव तो नहीं हुआ अगर ज्यादातर लोग इसे मंजूर कर लेते हैं तो उस उस लेनदेन को ब्लॉक में लिखा जाता है यह कंप्यूटर ब्लॉकचेन का आधारभूत ढांचा तैयार करते हैं और उसे बनाए रखते हैं तथा रिकॉर्ड को सुरक्षित रखते हैं ।ऐसे कंम्प्यूटर पर काम करने वाले व्यक्तियो को * माईनर्स * कहते हैं उनके काम को *मायनिग * कहते हैं। कंप्यूटर के रूप में ऐसी डिवाइस होती है जिसमें पूरे लेनदेन के इतिहास की पूरी कॉपी होती है । यह ब्लॉकचेन अपने आपको हर 10 मिनट में अपडेट (update) करती है ।
ब्लॉकचेन का क्या फायदे या उपयोग है ?
इसका पहला उपयोग 2009 में सतोशी नाकामोतो ने बिटकॉइन को बनाने के लिए किया था । जैसा कि आप जानते हैं कि ब्लॉकचेन का निर्माण बिटकॉइन के लिएहुआ था लेकिन इसे अन्य क्षेत्रों के लिए बहुत उपयोगी पाया गया है जैसे किइसे बैंकिंग क्षेत्र में भी इस्तेमाल किया जा सकता है जिससे लेनदेन में तेजी आएगी और डाटा भी सुरक्षित रहेगा और चिकित्सा के क्षेत्र में रोगियोंका रिकॉर्ड रखने में भी बहुत ही उपयोगी सिद्ध हो चुकी है । वह जमीन का रिकॉर्ड रखने में भी बहुत उपयोगी हो सकती है । इसका उपयोग चुनाव में मतदान के लिए भी हो सकता है इसका उपयोग प्रोजेक्ट के लिए , स्टार्ट अप के लिए , बिजनेस के लिए भी हो सकता है। इस प्रकार से ब्लॉकचेन बहुत महत्वपूर्ण तकनीक है जिसका भविष्य बहुत ही उज्जवल है ।
हम ब्लाकचेन का कैसे उपयोग सकते हैं ?
हम कम्प्यूटर की भाषा का प्रयोग करके , खुद की ब्लाकचेन बना सकते हैं। इस समय ऐसी भी ब्लाकचेन हैं जिनका उपयोग हम कोड की मदद से कर सकते हैं । इन ब्लॉकचेन में *समार्ट कानट्रेक्ट* ( smart contract) के रूप में , लेन-देन के सभी नियमों को , डिजिटल फोर्म में रक्खा जाता है । हम ब्लॉकचेन में एक कोड डाल देगें जिससे हमारा सारा डेटा उस कोड के द्वारा ब्लॉकचेन में परिवर्तित होता रहेगा ।
(क्रिप्टोक्यूरेंसी ) cryptocurrency meaning in Hindi
क्रिप्टोक्यूरेंसी एक डिजिटल कोड या आभासी मुद्रा है जिसे क्रिप्टोग्राफी द्वारा सुरक्षित किया जाता है, जिससे हैक करना या दोहरा खर्च करना लगभग असंभव हो जाता है। सरल शब्दों में हम कह सकते हैं कि लेज़र हज़ारों कंप्यूटरों में सहेजा जाता है और वे सभी ब्लॉकचैन नोड्स द्वारा सिंक किए जाते हैं और अपरिवर्तनीय हो जाते हैं। कई क्रिप्टोकरेंसी ब्लॉकचेन तकनीक पर आधारित विकेन्द्रीकृत नेटवर्क हैं- एक वितरित लेज़र जो कंप्यूटरों के एक अलग नेटवर्क द्वारा लागू किया जाता है। क्रिप्टोकरेंसी की एक परिभाषित विशेषता यह है कि वे आम तौर पर किसी भी केंद्रीय प्राधिकरण द्वारा जारी नहीं की जाती हैं, जो उन्हें सैद्धांतिक रूप से सरकारी हस्तक्षेप या हेरफेर से प्रतिरक्षा प्रदान करती हैं।