भारत में क्रिप्टोकरंसी विज्ञापनों पर दिशानिर्देश
भारत में आभासी मुद्रा के विज्ञापनों के लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं । एडवरटाइजिंग स्टैंडर्ड्स काउंसिल ऑफ इंडिया (ASCI) ने आभासी मुद्रा के लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं । जो कि 1 अप्रैल 2022 और उसके बाद से लागू होंगे , क्योंकि आभासी मुद्रा व संपत्ति संबंधी विज्ञापनों में एक विशिष्ट disclaimer होना चाहिए तथा यह भी बिल्कुल स्पष्ट होना चाहिए कि * क्रिप्टोकरंसी उत्पाद व टोकन (NFT) * बिना नियंत्रण (Without Cantrol) के हैं और बहुत अधिक जोखिम (High- risk) भरे हो सकते हैं इस तरह के लेनदेन से किसी भी नुकसान (Loss) के लिए कोई नियामक (रेगुलेशन संस्था ) का कोई सहारा नहीं है । ASCI के दिशा निर्देशों के अनुसार *मुद्रा* *प्रतिभूतियां* *कस्टोडियन* *डिपॉजिटरी* शब्दों का उपयोग इन उत्पादों व सेवाओं के विज्ञापनों में नहीं किया जा सकता । इसके साथ-साथ यह भी अनिवार्य है कि वर्चुअल डिजिटल एसेट (VDA) उत्पादों की लागत या लाभप्रदता (फायदा) (Profit) में स्पष्ट सेटिंग पर्याप्त और आद्दतन (Uptodate ) जानकारी होनी चाहिए और इन विज्ञापनों में 12 महीने से कम अवधि के रिटर्न नहीं शामिल किए जाएंगे । इस विषय पर भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने क्रिप्टोकरंसी की विनियमितता (रेगूलाइजेशन) की संभावनाओं पर विचार करने के लिए एक बैठक की अध्यक्षता की थी। जिसमें भारत के युवाओं को अतिआशाजनक और गैर पारदर्शी विज्ञापनों के माध्यम से गुमराह करने के प्रयासों को रोकने के लिए एक मजबूत व्यवस्था बनाने के लिए मोहर लगाई गई थी ।